Thursday, 11 April 2019

'मिशन शक्ति'

27 मार्च को भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल किया है. हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर Low Earth Orbit (LEO) में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है. यह सैटेलाइट जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, एसेट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया. 'मिशन शक्ति' को तीन मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था. इसमें उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक की जरूरत थी. सभी निर्धारित उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए. यह भारत में एंटी सैटेलाइट (ए-सेट) मिसाइल द्वारा सिद्ध किया गया.
 भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी का परचम लहराया है और मिशन शक्ति (Mission Shakti) की सफलता के साथ अमेरिका, चीन, रूस के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने देश के नाम संबोधन में इस बात की जानकारी दी. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा कि भारत अंतरिक्ष पावर के रूप में दुनिया का चौथा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है.
अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों और जिम्मेदार देश होने के कारण भारत ने पहले इस क्षमता को हासिल होने के बारे में कोई पुष्टि नहीं की थी। लेकिन वर्तमान में बढ़ते सामरिक खतरों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ इस बात की घोषणा कर दी कि भारत भी इस प्रकार के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है।
चीन ने भारत के उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण पर सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया जताते हुए उम्मीद जतायी कि सभी देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाये रखेंगे। चीन ने ऐसा एक परीक्षण जनवरी 2007 में किया था जब उसके उपग्रह रोधी मिसाइल ने एक निष्क्रिय मौसम उपग्रह को नष्ट कर दिया था।
क्या होता है लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) ?
लो अर्थ ऑर्बिट धरती के सबसे पास वाली कक्षा होती है। यह धरती से 2000 किमी ऊपर होती है। धरती की इस कक्षा में ज्यादातर टेलीकम्युनिकेशन सेटेलाइट्स को रखा जाता है।
क्या होता है स्पेस वॉर ?
माना जा रहा है कि अगला विश्‍व युद्ध धरती पर नहीं अंतरिक्ष में लड़ा जाएगा। इसे देखते हुए दुनिया के कई देशों ने उपग्रहों का प्रक्षेपण तेज कर दिया है। सभी देश अंतरिक्ष में अपनी ताकत तेज करने में लगे हुए हैं। जून 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक स्पेस फोर्स बनाने का एलान कर अंतरिक्ष में हथियारों और सेनाओं की मौजूदगी को लेकर बहस छेड़ दी थी। उन्होंने अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन को स्पेस-फोर्स बनाने का आदेश दिया था। स्पेस-फोर्स के फैसले को वो देश की निजी सुरक्षा से जुड़ा मानते हैं।
क्या होगा भारत को फायदा ?
पाकिस्तान और चीन की और से लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत को इसका बहुत फायदा होगा। चीन और पाकिस्तान की मिसा‍इलों का भारत की रडार से बचना अब खासा मुश्किल हो जाएगा। इससे न सिर्फ भारत का दुनिया में दबदबा बढ़ेगा बल्कि भारत की सुरक्षा व्यवस्‍था बेहद मजबूत हो जाएगी।

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